व्हाट्सएप्प हिंदी शायरी – समेट कर ले जाओ SJShayari April 20, 2017 Uncategorized Comments समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से; अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी। loading…