व्हाट्सएप्प हिंदी शायरी – बिना मंज़िल के SJShayari April 10, 2017 Uncategorized Comments बिना मंज़िल के सफर किये जा रहा था, जब हमसफ़र मिला तो मंज़िल भी मिल गयी loading…