सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है…….!!
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वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है…….!!
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