हिंदी के शेर दो लाइन में – खुशियाँ भी तरसती हैं SJShayari April 13, 2017 Uncategorized Comments खुशियाँ भी तरसती हैं मुझसे मिलने को और ग़म तो जैसे कोई जिगरी यार हो मेरा.. loading…