हिंदी के शेर दो लाइन में – मंजिल चाहे SJShayari April 13, 2017 Uncategorized Comments मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो दोस्तो..!! रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे.. loading…