हिंदी शायरी – बुलंदियों की ख्वाइशें तो SJShayari April 20, 2017 Uncategorized Comments बुलंदियों की ख्वाइशें तो बहुत है मगर; दूसरों को रौंदने का हुनर कहाँ से लायें…? loading…