Hindi Poem 2 Lines Mein – परिंदों की फितरत से SJShayari April 7, 2017 Uncategorized Comments परिंदों की फितरत से बसे थे हम एक दूसरे के दिल में, उसके पंख थोड़े बड़े क्या हुए उसने आशियाना बदल लिया loading…