New 2 Line Poetry – सबको उसी तराजू में SJShayari April 7, 2017 Uncategorized Comments सबको उसी तराजू में तोलिए जिसमें खुद को तोलते हो, फिर देखना लोग उतने भी बुरे नहीं है जितना हम समझते है loading…