New Poetry Two Lines – कारवां चलता रहा बिछड़ते गए SJShayari April 13, 2017 Uncategorized Comments कारवां चलता रहा बिछड़ते गए तेरे काफिले ओ दिल बंजारे, ये अनजाने रास्ते ही जिसकी मंजिल हो वो रूके भी तो कहाँ ठहरे। loading…