Shero Shayari 2 Lines – तेरे गालों पर लगने की चाह में SJShayari April 13, 2017 Uncategorized Comments तेरे गालों पर लगने की चाह में, जो ज़मीन पर गिर गया, इस बरस भी होली का, वही बिखरा सूखा हुआ गुलाल हूँ मैं…! loading…