एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ,
प्यार करता हूँ तुझ से, पर कहने से डरता हूँ,
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम,
इसलिए ख़ामोशी से, तेरी धड़कन सुना करता हूँ
एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ,
प्यार करता हूँ तुझ से, पर कहने से डरता हूँ,
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम,
इसलिए ख़ामोशी से, तेरी धड़कन सुना करता हूँ