बेचैनी देख चुके हो हमारी अब सब्र देखना ,
इस कदर खामोश रहेंगे हम कि चीख उठोगे तुम ..|
बेचैनी देख चुके हो हमारी अब सब्र देखना ,
इस कदर खामोश रहेंगे हम कि चीख उठोगे तुम ..|
क्यूँ नहीं लेता हमारी तू ख़बर ऐ बे-ख़बर
क्या तिरे आशिक़ हुए थे दर्द-ओ-ग़म खाने को हम