व्हाट्सएप्प हिंदी शायरी – कभी मंदिर पे बैठते हैं

कभी मंदिर पे बैठते हैं, कभी मस्जिद पे …
ये मुमकिन है इसलिए क्योंकि परिंदों में नेता नहीं होते …