व्हाट्सएप्प हिंदी शायरी – समेट कर ले जाओ

समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से;
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।