शायरी २ लाइन में – ये तो ज़मीन की फितरत है

ये तो ज़मीन की फितरत है की, वो हर चीज़ को मिटा देती हे.. वरना ,
तेरी याद में वाले आंसुओं का ,अलग समंदर होता.