हिंदी के शेर दो लाइन में – इस बार की सर्दियों में

इस बार की सर्दियों में ऐसा न होने पाए,
चढ़ती रहें चादरें मज़ार पर और बाहर बैठा फ़क़ीर ठंड से मर जाए