कितने झूठे हो गये है हम…….
बचपन में अपनों से भी रोज रुठते थे,
आज दुश्मनों से भी मुस्करा के मिलते है.!!
Hindi Shayari – रोमांटिक, दर्द भरी और प्रेरक शायरी
Hindi Romantic, Sad And Inspirational Sher O Shayari Collection
कितने झूठे हो गये है हम…….
बचपन में अपनों से भी रोज रुठते थे,
आज दुश्मनों से भी मुस्करा के मिलते है.!!