Hindi Shayri 2 Line Mein – कोई दावत तो उसे दे

कोई दावत तो उसे दे आए जाकर जनाज़े में मेरे शरीक़ होने की,
आखिरी सफर में ही सही हमसफ़र बनाने की आरज़ू तो पूरी हो