Hindi Shayri 2 Line Mein – हमारे दौर के बच्चे

हमारे दौर के बच्चे , गुम है ‘ फ़िकर ऐ रोजी ‘ में ,
वो क्या खेलें खिलौनों से जिन्हें बचपन नहीं मिलता..