सूखने लगी है
स्याही शायद,ज़ख़्मों की दवात
में
वरना वो भी दिन थे,दर्द
रिसता था धीरे-धीरे
Hindi Shayari – रोमांटिक, दर्द भरी और प्रेरक शायरी
Hindi Romantic, Sad And Inspirational Sher O Shayari Collection
सूखने लगी है
स्याही शायद,ज़ख़्मों की दवात
में
वरना वो भी दिन थे,दर्द
रिसता था धीरे-धीरे