New 2 Line Poetry – शहर अगर तलब करे

शहर अगर तलब करे तुम से इलाज-ए-तीरगी;
साहिब-ए-इख़्तियार हो आग लगा दिया करो।

अनुवाद:
इलाज-ए-तीरगी = अंधेरे के लिए इलाज
साहिब-ए-इख़्तियार = अधिकारिक व्यक्ति