दीदार की ‘तलब’ हो तो नज़रे जमाये रखना ‘ग़ालिब’;
क्युकी, ‘नकाब’ हो या ‘नसीब’… सरकता जरुर है।
Hindi Shayari – रोमांटिक, दर्द भरी और प्रेरक शायरी
Hindi Romantic, Sad And Inspirational Sher O Shayari Collection
दीदार की ‘तलब’ हो तो नज़रे जमाये रखना ‘ग़ालिब’;
क्युकी, ‘नकाब’ हो या ‘नसीब’… सरकता जरुर है।