शायरी २ लाइन में – सुन कर ग़ज़ल मेरी

सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है…….!!


शायरी २ लाइन में – बाज़ारों की चहल पहल से

बाज़ारों की चहल पहल से रौशन है
इन आँखों में मंदिर जैसी शाम कहाँ…


शायरी २ लाइन में – कहने देती नहीं कुछ

कहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत मेरी;
लब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी।