ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो
मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ
आसमानों की चांदनी तुम हो
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
Hindi Shayari – रोमांटिक, दर्द भरी और प्रेरक शायरी
Hindi Romantic, Sad And Inspirational Sher O Shayari Collection
ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो
मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ
आसमानों की चांदनी तुम हो
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की..
लोगों ने मेरे आंगन से रास्ते बना लिए..!!
ना तोल मेरी मोहब्बत को अपनी दिल्लगी से,
देख कर मेरी चाहत को अक्सर तराजू टूट जाते हैं
सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है…….!!
अपने सिवा बताओ कभी कुछ मिला भी है उसे..
हज़ार बार ली हैं उसने मेरे दिल की तलाशियाँ!
उसने पूछा, मुझे पाने के लिये किस हद तक जा सकते हो ?
मैंने कहा कि अगर हद ही पार करनी होती
तो तुम्हें कब का पा लिया होता।
बाज़ारों की चहल पहल से रौशन है
इन आँखों में मंदिर जैसी शाम कहाँ…
उन्हें ये खौफ की हर बात मुझसे कह डाली ..
मुझे ये वहम की कोई ख़ास बात बाकी है …
पलकें भी चमक जाती हैं सोते में हमारी,
आँखों को अभी ख्वाब छुपाने नहीं आते ।
कहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत मेरी;
लब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी।