

तुम्हारे पास आते हैं तो साँसें भीग जाती हैं
मोहब्बत इतनी मिलती है कि आँखें भीग जाती हैं
तबस्सुम इत्र जैसा है हँसी बरसात जैसी है
वो जब भी बात करती है तो बातें भीग जाती हैं
तुम्हारी याद से दिल में उजाला होने लगता है
तुम्हें जब गुनगुनाता हूँ तो रातें भीग जाती हैं
तिरे एहसास की ख़ुशबू हमेशा ताज़ा रहती है
तिरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती हैं
Aalok Shrivastav
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